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इरादे भी बुलंद कर लो

Kuch Kahna Hai
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सितारे तेरे बुलंदी पर

इरादे भी बुलंद कर लो

सपने सच करने को

खुद को तुम पाबंद कर लो


छूना है तुझे आसमाँ

बनाना है एक नया जहाँ

अपनों के संग, सपनों में रंग

तुझको रहना है वंहा


बाते तेरी अच्छी है

खुद को जरा रजामंद कर लो

सितारे तेरे बुलंदी पर

इरादे भी बुलंद कर लो


मन में भर के जोश जरा

ठोको ताल क़दमों की

पहचान बनाओ अलग अपनी

छोड़ो भीड़ निकम्मों की


गुज़रा जो वक़्त फिर न मिलेगा

खुद को जरा फिक्र्मन्द कर लो

सितारे तेरे बुलंदी पर

इरादे भी बुलंद कर लो


मंजिले है तो रास्ते भी

कर रहे तेरा इंतज़ार

भर ले मन में हौसला

मंजिल पाने को हो बेक़रार


पत्थर मुश्किल का सीढ़ी बन जाए

खुद को जरा हुनरमंद कर लो

सितारे तेरे बुलंदी पर

इरादे भी बुलंद कर लो


सितारे तेरे बुलंदी पर

इरादे भी बुलंद कर लो

सपने सच करने को

खुद को तुम पाबंद कर लो


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