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साधू का सपना

Kuch Kahna Hai
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  • 16 Comments
चर्चा जोरो की आजकल
कि  एक साधू बाबा को आया सोने का सपना
कितना अच्छा हो अगर
देश धनी हो जाए अपना
कुछ पत्राचार हुए
संदेशो के संचार हुए
बात हज़ार टन सोने की
देश विदेश में प्रचार हुए
जब मिले ऊपर से  निर्देश
तो जगहों के निरीक्षण  हुए
जब प्रभावी हुयी राजनीती
तो खजाने के परीक्षण  हुए
जब मिले सबूत कि  कुछ धातु  जमीं में  मौजूद है
तो लगा सभी को साधू के सपने का कुछ तो वजूद है
अगर वाकई में यंहा दबा है सोना
तो फिर खामख्वाह क्यों इसे  है खोना
लग गए लोग सोना खोजने
हो गए शुरू जमीं खोदने
मिलेगा क्या ये तो रब जाने
मिलेगा कब ये भी रब जाने
याद आई वो बचपन की किताब की कहानी
आलसी भाइयों का खेत में गड़ा धन खोजना
धन को ढूंढने के चक्कर में उनका
सारा खेत खोदना और नहीं मिलने पर अनाज का बोना
खेत खोदने की मेहनत से
खूब सारा अनाज धन मिला
और इस सारे किस्से से
उनको बहुमूल्य ज्ञान धन मिला
कुछ ऐसा ही सन्देश दिखता है साधू के सपने में
उतार अपने जीवन में और डाल हर एक अपने में
जितनी शिद्धत से तू खोज रहा है जो खज़ाना
उतनी ही शिद्धत से कर मेहनत जीवन में रोज़ाना
फिर तुझे नहीं होगी जरुरत
किसी साधू के सपने की
हां एक  बात है की तुझे जरुरत है,
वो है  परिश्रम की आग में  तपने की
साधू के सपने से सोना धातु मिले या ना मिले
मगर ज्ञान सोना तो लाखो टन सोने से भी कीमती है
मगर कर्महीन नर कँहा पाते है कुछ भी कंही
मगर क्या करे ये ही देश की नियति  है

चर्चा जोरो की आजकल

कि  एक साधू बाबा को आया सोने का सपना

कितना अच्छा हो अगर

देश धनी हो जाए अपना

कुछ पत्राचार हुए

संदेशो के संचार हुए

बात हज़ार टन सोने की

देश विदेश में प्रचार हुए

जब मिले ऊपर से  निर्देश

तो जगहों के निरीक्षण  हुए

जब प्रभावी हुयी राजनीती

तो खजाने के परीक्षण  हुए

जब मिले सबूत कि  कुछ धातु  जमीं में  मौजूद है

तो लगा सभी को साधू के सपने का कुछ तो वजूद है

अगर वाकई में यंहा दबा है सोना

तो फिर खामख्वाह क्यों इसे  है खोना

लग गए लोग सोना खोजने

हो गए शुरू जमीं खोदने

मिलेगा क्या ये तो रब जाने

मिलेगा कब ये भी रब जाने

याद आई वो बचपन की किताब की कहानी

आलसी भाइयों का खेत में गड़ा धन खोजना

धन को ढूंढने के चक्कर में उनका

सारा खेत खोदना और नहीं मिलने पर अनाज का बोना

खेत खोदने की मेहनत से

खूब सारा अनाज धन मिला

और इस सारे किस्से से

उनको बहुमूल्य ज्ञान धन मिला

कुछ ऐसा ही सन्देश दिखता है साधू के सपने में

उतार अपने जीवन में और डाल हर एक अपने में

जितनी शिद्धत से तू खोज रहा है जो खज़ाना

उतनी ही शिद्धत से कर मेहनत जीवन में रोज़ाना

फिर तुझे नहीं होगी जरुरत

किसी साधू के सपने की

हां एक  बात है की तुझे जरुरत है,

वो है  परिश्रम की आग में  तपने की

साधू के सपने से सोना धातु मिले या ना मिले

मगर ज्ञान सोना तो लाखो टन सोने से भी कीमती है

मगर कर्महीन नर कँहा पाते है कुछ भी कंही

मगर क्या करे ये ही देश की नियति  है

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