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आज का नौजवान कहता है कुछ मोदीजी से

Kuch Kahna Hai
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आज का नौजवान हूँ

देश निर्माण की राहों पे व्यस्त हूँ

नई सोच , नया तरीका , नया सलीखा

नए आयामों की खोज में सिद्धस्त हूँ

बहुत देर तक बरगलाया गया मुझे

अब इन सब बातों से निपटने में अभ्यस्त हूँ

नहीं चाहिए मुझे मुफ्त के लैपटॉप या टेबलेट

खुद की मेहनत से जो खरीद पाया उसी में मस्त हूँ

नहीं चाहिए मुझे सस्ता अनाज

बन सकू काबिल महंगा खरीदने में , ऐसी सोच से ग्रस्त हूँ

नहीं चाहिए मुझे आरक्षण,

समान अवसर सभी का हक, हक से मिले तो मौका परस्त हूँ

नहीं चाहिए क़र्ज़ माफ़ी, जब हुनर है मेरा काफी

इन लालच देने वाली नीतियों से त्रस्त हूँ

स्वाभिमान हर इंसान की आन, बान और शान

मगर इन भटकाते भंवरों से पस्त हूँ

दिशाए सही तो दशाये भी सही

जान के देखो की क्यों मै सुस्त हूँ

तपने दो हालातों की आग में , बन जाने दो मुझे खरा सोना

मेरे भरोसे को भाव देके तो देखो कि मै कितना चुस्त हूँ

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